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छोटे बच्चों को स्टीम कैसे दें? जानें सही तरीका, फायदे और सावधानियां | पूरी जानकारी

by Ajay Karara
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सर्दी-जुकाम या नाक बंद होने पर ही छोटे बच्चों को आराम दिलाने के लिए स्टीम देना एक प्राकृतिक और असरदार तरीका माना जाता है। स्टीम थेरेपी नाक और गले की रुकावट को कम करती है और बच्चे को सांस लेने में भी राहत देती है। लेकिन आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि बच्चों को स्टीम देने का सही तरीका क्या है और किन बातों का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए।


स्टीम देने के फायदे

  1. नाक बंद खोलना: बच्चों को स्टीम देने से नाक में जमा बलगम और कफ को पतला किया जा सकता है जिससे बंद नाक जल्दी खुल जाती है।
  2. सांस लेने में आसानी: बच्चों के फेफड़ों में अगर बलगम जमा हो तो स्टीम इसे बाहर निकालने में मदद करती है।
  3. गले की खराश में राहत: अगर बच्चे को खांसी या गले में खराश हो तो भी स्टीम से तुरंत आराम मिलता है।
  4. त्वचा को हाइड्रेट करना: स्टीम से त्वचा का हाइड्रेशन बढ़ता है और यह सर्दियों में त्वचा की ड्राईनेस को कम करने में भी सहायक है।

छोटे बच्चों को स्टीम देने का सही तरीका

1. उम्र का ध्यान रखें: 6 महीने से छोटे बच्चों को स्टीम देने से जरूर बचें और अगर देना जरूरी हो तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

2. स्टीमर या पैन का उपयोग:

  • स्टीमर का उपयोग करें: स्टीमर बच्चों के लिए एक सुरक्षित विकल्प है। इसे बच्चे से 1-2 फीट की दूरी पर ही रखें।
  • पानी गर्म करें: पानी को एक बर्तन में गर्म करें और उसे सुरक्षित जगह पर रखें, लेकिन ध्यान रखें कि बच्चा बर्तन से दूर रहे।

3. बच्चे को पास बिठाएं: बच्चे को अपनी गोद में बिठाएं या किसी सुरक्षित जगह पर ही बैठाएं।

4. समय का ध्यान रखें: केवल 5-10 मिनट तक ही स्टीम दें, क्योंकि इससे अधिक समय देने से बच्चे को परेशानी हो सकती है।


सावधानियां जो जरूरी हैं

  1. बर्तन या स्टीमर को बच्चे से दूर रखें: गरम पानी या स्टीमर का सीधा संपर्क बच्चे की त्वचा को जला सकता है।
  2. सही तापमान का ध्यान रखें: स्टीम बहुत ज्यादा गर्म न हो क्योंकि यह बच्चे को असहज कर सकती है।
  3. हमेशा निगरानी रखें: स्टीम देते समय बच्चे को अकेला न छोड़ें।
  4. बंद कमरे में न दें: कमरे में पर्याप्त वेंटिलेशन होना चाहिए।
  5. खांसी बढ़ने पर रोक दें: अगर स्टीम देने से खांसी या परेशानी बढ़ रही हो तो इसे तुरंत बंद कर दें।

घरेलू उपाय जो स्टीम के साथ मदद करते हैं

1. अजवाइन का उपयोग: स्टीम के पानी में थोड़ी सी अजवाइन डालें क्योंकि यह नाक और गले की रुकावट को दूर करने में मदद करता है।

2. यूकेलिप्टस तेल: स्टीम के पानी में यूकेलिप्टस तेल की 1-2 बूंद भी डालें क्योंकि इसकी खुशबू सांस लेने में आसानी करती है।

3. शहद और अदरक: स्टीम के बाद बच्चे को थोड़ा सा शहद और अदरक का रस देने से गले में राहत मिलती है।


बच्चों को स्टीम कब न दें?

  • अगर बच्चा बुखार में हो: बुखार में स्टीम देने से परेशानी ज्यादा बढ़ सकती है।
  • अगर एलर्जी हो: स्टीम के दौरान कुछ चीजों से एलर्जी भी हो सकती है।
  • अगर डॉक्टर ने मना किया हो: कुछ खास परिस्थितियों में डॉक्टर स्टीम देने से मना करते हैं।

डॉक्टर से कब सलाह लें?

  • अगर बच्चे को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो।
  • स्टीम देने के बाद भी खांसी या सर्दी में कोई सुधार न हो।
  • बच्चे को लगातार बुखार हो।

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निष्कर्ष

छोटे बच्चों को स्टीम देना एक सरल और प्रभावी तरीका है लेकिन इसे सही तरीके से करना भी बेहद जरूरी होता है। इसीलिए सभी उपयुक्त सावधानियां अपनाने और डॉक्टर की सलाह के साथ आप अपने बच्चे को सर्दी-जुकाम में राहत दिला सकते हैं। लेकिन स्टीम देने से पहले हमेशा बच्चे की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति का ध्यान रखें।

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